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(1)-हिंद.... हिंदी.....हिन्दुस्तान इनसे मिल कर बना

(1)-हिंद.... हिंदी.....हिन्दुस्तान
इनसे मिल कर बना मेरा देश महान
इसके जैसी कोमलता और मधुरता
इसके जैसी भाव मृदुलता कही नहीं।

(2)-हिंदी भाषा के है रुप अनेक
हर शहर,जिला,गाँँव और कस्बा
सब की भाषा में ही निहित है .....
अलग - अलग बोली का अंदाज..।

(3)-देवो की इस पावन धरती पर
निस दिन हिंदी की निर्मल धार बहे
गंगा सी पतित पावनी हिंदी भाषा
गोदावरी,यमुना,सरस्वती सी निर्मल।

(4)-हिंदी से ही बना हिन्दुस्तान.....
यूं तो हर भाषा का है अपना मोल
पर हिंदी हमारी सबसे है अनमोल..
पहचान है मेरी हिंदी से ही..........।

(5)-अनगिनत रसो,छंदों, अलंकारों
दोहों, सन्धि,समास,पर्यायवाची शब्दों 
से मिलकर और जाने कितनी ही
विधाओं से मिल बना हिंदी का स्वरूप।

(6)-कंठ से निकला हर शब्द हिंदी है
हिंदी के बगैर हमारा कोई वजूद नहीं
हर भाव को मैं जानू और पहचानू....
भाषा सिर्फ एक ही !!!!.....हिंदी है।

(7)-मेरे मन की एक वेदना............
अपने ही देश मे हिंदी हुई पराई है..
गिटपिट-गिटपिट सब अंग्रेजी बोले
हिंदी भाषा का दर्द जाने नहि कोई ।

(8)-अन्य भाषा का ज्ञान बुरा नहीं...
पर ऐसे ज्ञान का क्या है मोल?????
जो अपनी भाषा का मान घटनाएं
है गर्व हमें हम हिंदी भाषी है......।

(9)-चाँद पर परचम लहराने वाले...
सब जग मे अपनी क्षमता मनवाने वाले
अपनी मातृभाषा को तुम भूल गए....
हिंदी को उसका खोया सम्मान दिलाओं।

(10)-"जब तक है हिंदी हिन्दुस्तान मेंं
तब तक है हिन्दू सभ्यता और संस्कार
गर चाहते हो अपना अस्तित्व बचाना
तो फिर से हिंदी भाषा का उत्थान करों।
19/09/2020
@archanatiwari_tanuj #हिंदीदिवस2020 
(1)-हिंद.... हिंदी.....हिन्दुस्तान
इनसे मिल कर बना मेरा देश महान
इसके जैसी कोमलता और मधुरता
इसके जैसी भाव मृदुलता कही नहीं।

(2)-हिंदी भाषा के है रुप अनेक
हर शहर,जिला,गाँँव और कस्बा
(1)-हिंद.... हिंदी.....हिन्दुस्तान
इनसे मिल कर बना मेरा देश महान
इसके जैसी कोमलता और मधुरता
इसके जैसी भाव मृदुलता कही नहीं।

(2)-हिंदी भाषा के है रुप अनेक
हर शहर,जिला,गाँँव और कस्बा
सब की भाषा में ही निहित है .....
अलग - अलग बोली का अंदाज..।

(3)-देवो की इस पावन धरती पर
निस दिन हिंदी की निर्मल धार बहे
गंगा सी पतित पावनी हिंदी भाषा
गोदावरी,यमुना,सरस्वती सी निर्मल।

(4)-हिंदी से ही बना हिन्दुस्तान.....
यूं तो हर भाषा का है अपना मोल
पर हिंदी हमारी सबसे है अनमोल..
पहचान है मेरी हिंदी से ही..........।

(5)-अनगिनत रसो,छंदों, अलंकारों
दोहों, सन्धि,समास,पर्यायवाची शब्दों 
से मिलकर और जाने कितनी ही
विधाओं से मिल बना हिंदी का स्वरूप।

(6)-कंठ से निकला हर शब्द हिंदी है
हिंदी के बगैर हमारा कोई वजूद नहीं
हर भाव को मैं जानू और पहचानू....
भाषा सिर्फ एक ही !!!!.....हिंदी है।

(7)-मेरे मन की एक वेदना............
अपने ही देश मे हिंदी हुई पराई है..
गिटपिट-गिटपिट सब अंग्रेजी बोले
हिंदी भाषा का दर्द जाने नहि कोई ।

(8)-अन्य भाषा का ज्ञान बुरा नहीं...
पर ऐसे ज्ञान का क्या है मोल?????
जो अपनी भाषा का मान घटनाएं
है गर्व हमें हम हिंदी भाषी है......।

(9)-चाँद पर परचम लहराने वाले...
सब जग मे अपनी क्षमता मनवाने वाले
अपनी मातृभाषा को तुम भूल गए....
हिंदी को उसका खोया सम्मान दिलाओं।

(10)-"जब तक है हिंदी हिन्दुस्तान मेंं
तब तक है हिन्दू सभ्यता और संस्कार
गर चाहते हो अपना अस्तित्व बचाना
तो फिर से हिंदी भाषा का उत्थान करों।
19/09/2020
@archanatiwari_tanuj #हिंदीदिवस2020 
(1)-हिंद.... हिंदी.....हिन्दुस्तान
इनसे मिल कर बना मेरा देश महान
इसके जैसी कोमलता और मधुरता
इसके जैसी भाव मृदुलता कही नहीं।

(2)-हिंदी भाषा के है रुप अनेक
हर शहर,जिला,गाँँव और कस्बा