पिघल के ढ़लने की कूवत कहां से लाओगे जु़ल्म को सहने की जुर्रत कहां से लाओगे यूं ही कोई हीरा चमकता नहीं है सितारों सा कटकर चमकने की कुदरत कहां से लाओगे ©Qamar Abbas #GandhiJayanti2022