किसी के इजहार का इंतजार करते हैं क्या लगी हो प्यास, नदी की धार मुड़ती है क्या बेअक्ल कहेंगे लोग तुम्हें, यूं ही जो बैठे रहे भौरों के आगे कलियां गुनगुनाती हैं क्या ©संजीव #इजहार #इंतजार #प्यास #नदी #कलियां #raindrops