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​दिॡी और मेरा कुछ अलग ही नाता है, बैठ कर याद करो,

​दिॡी और मेरा कुछ अलग ही नाता है,

बैठ कर याद करो,तो याद नही आती,

और कमबख़त बैठे बैठे यूं ही याद आ जाती है।
 उल्फत-ए-दिल्ली   #citylove
​दिॡी और मेरा कुछ अलग ही नाता है,

बैठ कर याद करो,तो याद नही आती,

और कमबख़त बैठे बैठे यूं ही याद आ जाती है।
 उल्फत-ए-दिल्ली   #citylove
ayanshukla0113

Ayan Shukla

New Creator