♥️♥️करवाचौथ♥️♥️ उमंग हर्षोल्लास के साथ करवाचौथ का त्यौहार विवाहिता मना रही है सुहागन हाथों में पिया का नाम हिना संग पने हिय में मिला रही है, ♥️♥️♥️♥️ उठ नितांत भोर सरगई कर उपवास का प्रारंभ पवित्र मन से कर रही है चंद्र दर्शन तक निराहार रख कर पिया की सुख समृद्धि की प्रार्थना कर रही है, ♥️♥️♥️♥️ सोलह श्रृंगार में सजी दुल्हनिया आज पिया का पथ निहार रही है चूड़ी बिछुए,माथे की बिंदिया,पायल कंगना रूनझून कर पुकार रही है, ♥️♥️♥️♥️ व्रत निर्जला रख,पति की लंबी उम्र का वरदान परमात्मा से माँग रही है नेह बंधन में,सत्य वचनो में सौ जन्मों की डोरी पिया हृदय से बाँध रही है, ♥️♥️♥️♥️ प्रीत रीत में ओढ़ चुनरिया पिया नाम की मन में छवि उनकी निहार रही है बुरी बला से बचे रहे सात जन्मों के साथी बारम्बार नज़र उतार रही है, ♥️♥️♥️♥️ चन्द्रमा को अर्क देकर श्रद्धापूर्वक पुजा करके रीत करवाचौथ की निभा रही है खुशियों का अंबार सुनहरा गृहस्थ जीवन में अपने पवित्र प्रेम से सजा रही है। कोरा काग़ज़ महाप्रतियोगिता:- पहला चरण कविता ♥️♥️करवाचौथ ♥️♥️ उमंग हर्षोल्लास के साथ करवाचौथ का त्यौहार विवाहिता मना रही है सुहागन हाथों में पिया का नाम हिना संग पने हिय में मिला रही है उठ नितांत भोर सरगई कर उपवास का प्रारंभ पवित्र मन से कर रही है