White पल्लव की डायरी इतिहास नेपथ्थ में चले गये यशोगाथा पूर्वजो की धूमिल होती है ज्ञान ध्यान तप की अवधारणा गूगल व्हाट्सप के सामने ओछी लगती है सब ज्ञानी गूगल बाबा से शास्त्रों की प्रमाणिकता थोथी लगती है दुख संवेदना का नही कोई आधार धरातल पर मानवीयता सिसकती है धद्धम युद्धों के द्वारा गरीबी विश्व मे पसरती है हिंसा की करतूतों से अर्थव्यवस्था दम अपना तोड़ती है अज्ञान की कसौटी पर कसकर मानवता को मौत के मुँह में धकेलती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #hindi_diwas शास्त्रों की भाषा थोथी लगती है #nojotohindi