ना जाने कब उलझ सी गयी जिंदगी मेरी, बिखर जाएंगे सारे रिश्ते फिर एक बार जिदंगी सुलझाने में अगर हो गई देरी,, बहुत इलज़ाम लगा दिए जिंदगी तुझपर , अब कसूर भी मेरा , तो सजा भी तो होगी मेरी ।।। uljhn