दो किनारे इंसान को किस बात का ग़ुरूर है, अरे अमीरों और गरीबों में अंतर तो देखो ज़रा, कितने पास रहते हुए भी कितने दूर हैं, बिल्कुल नदी के दो किनारो की तरह -पराग दुबे दो किनारे- एक लघु कविता , if you like this short poem, please like and follow.. #shortpoem #Poetry #कविता #लघु #nojotohindi #shortpoetry #kavita