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ओणम के त्योहार पर नर चीत्या वह् नहीं, हर चीत्या

ओणम के त्योहार पर 

नर चीत्या वह् नहीं, हर चीत्या तत्काल 
बलि जाणा था बैकुंठ को, पहूंच गया पाताल... 

जैसे राजा बली त्रीलोक पर आधिपत्य कर लिया था, तो बैकुण्ठ यानि स्वर्ग में जब चाहे चला जाता परंतु प्रभु नारायण ने वामन अवतार लेकर 3 पग भूमी मांगी और बलि राजा को  पाताल में जाना पड़ा था, इसलिए प्रभु ही सर्वोपरि हैं, ध्यान लगाएं रखें

©Stoic Arvind #happyonam
ओणम के त्योहार पर 

नर चीत्या वह् नहीं, हर चीत्या तत्काल 
बलि जाणा था बैकुंठ को, पहूंच गया पाताल... 

जैसे राजा बली त्रीलोक पर आधिपत्य कर लिया था, तो बैकुण्ठ यानि स्वर्ग में जब चाहे चला जाता परंतु प्रभु नारायण ने वामन अवतार लेकर 3 पग भूमी मांगी और बलि राजा को  पाताल में जाना पड़ा था, इसलिए प्रभु ही सर्वोपरि हैं, ध्यान लगाएं रखें

©Stoic Arvind #happyonam
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Stoic Arvind

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