कल जब खो जाओगे नए लोगों में, सिमटकर रह जाओगे जब भोगों में। तुम्हें देंगे आवाज़ हम अपने ज़माने से, फ़र्क जब पड़ेगा कम किसी के चाहने से। तस्वीरें जब धुंधली पड़ने लगेगी, जवानी जब बेतहाशा ढलने लगेगी। नज़र से नज़र तक के नज़ारों में दो चार में ही नहीं हज़ारों में, गिनती जब दास्तां खुद करने लगेगी। उस वक्त के लिए एक मशवरा याद रखना, चाहे जिससे भी मिलना, स्वयं को साथ रखना। #yqmashwara #yqjawani #yqsavym #yqnazar #yqsaumitr #yqbethasha