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यार वो अपना उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में

यार वो अपना उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में 

फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में 

फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते 

Poet by #Basheer_Badr
यार वो अपना उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में 

फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में 

फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते 

Poet by #Basheer_Badr
suhelkhan1025

Suhel Khan

New Creator