मय की खपत बढ़ानी पड़ती, क्या सरकार भिखारी है। घुँघरू नंदन दिल्ली वासी, उसकी भी मतिमारी है। उसने भी पीने वालों की, उम्र घटा की मक्कारी है। केवल थप्पड़ का ना भाई, वो जूता का अधिकारी है। ©सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) #HBDMithunda #कविता_संगम