वो चाहतों का मंजर, वो फलसफा देखा। मैंने कल ख्वाब में अपना खुदा देखा। तुम मुकर गये लौट आने का वादा करके पर मैने तुम्हें पलटकर कई दफा देखा। मोहब्बत में भला क्या राजा, क्या गरीब पर तुमने मोहब्बत में भी नफा देखा। तूफान उठा, बादल भी घिर आये मगर, इक पल में फिर मौसम सफा देखा। जिसे मैं वफ़ादारी की मूरत समझता था, मैंने उसको भी बनते बेवफा देखा। जिसमें मिलनी थी सज़ा ए मौत कातिल को, मैंने ऐसे भी मसले रफादफा देखा... :-N Kumar "Sahab" #कई_दफा_देखा