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आटा दाल का भाव मुझे पता चल गया , जबसे मैं दोस्तों

आटा दाल का भाव मुझे पता चल गया ,
जबसे मैं दोस्तों घोड़ी चढ गया,, 
कभी दस रुपये में दिन अपना कट जाता था, 
आज पाँच सौ का नोट भी छोटा पड गया,, 

पहले न कोई रोक टोक थी मुझ पर, 
बीबी का हुकुम चलता है अब मुझ पर,, 
चलते समय वो रोज मुझसे कहती है, 
आ जाना तुम शाम को टाइम पे घर पर,, 

शुरूवात में वो लगी मुझे हीर की तरह, 
बातें करे वो मीठी लगे खीर की तरह,, 
धीरे धीरे जैसे जैसे
 दिन गुजरे,
उसकी जुबां से निकली बात लगे तीर की तरह,, 

उलझनो के जाल में अब हूँ मैं फस गया, 
पछतावा ये होता है कयूं मैं घोडी चढ गया,, 
निकल जाता है दिन अब यही सोचकर, 
अकेला ही था मैं अच्छा कयूं मैं दूल्हा बन गया..... 

 #NojotoQuote
आटा दाल का भाव मुझे पता चल गया ,
जबसे मैं दोस्तों घोड़ी चढ गया,, 
कभी दस रुपये में दिन अपना कट जाता था, 
आज पाँच सौ का नोट भी छोटा पड गया,, 

पहले न कोई रोक टोक थी मुझ पर, 
बीबी का हुकुम चलता है अब मुझ पर,, 
चलते समय वो रोज मुझसे कहती है, 
आ जाना तुम शाम को टाइम पे घर पर,, 

शुरूवात में वो लगी मुझे हीर की तरह, 
बातें करे वो मीठी लगे खीर की तरह,, 
धीरे धीरे जैसे जैसे
 दिन गुजरे,
उसकी जुबां से निकली बात लगे तीर की तरह,, 

उलझनो के जाल में अब हूँ मैं फस गया, 
पछतावा ये होता है कयूं मैं घोडी चढ गया,, 
निकल जाता है दिन अब यही सोचकर, 
अकेला ही था मैं अच्छा कयूं मैं दूल्हा बन गया..... 

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