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प्रेम ही सृष्टि का आधार, प्रेम ही निराकार, फिर प्र

प्रेम ही सृष्टि का आधार, प्रेम ही निराकार,
फिर प्रेम करना क्यों ग़लत माने!... यह संसार,
राधा-कृष्ण प्रेम के परिपूरक है, !....है उनका प्यार मिसाल,
प्रेम दीवानी मीरा को भी, कहां था!...दुनिया वालों का ख़्याल।  सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा "नमस्कार"


🎀 
आप सभी से मेरा निवेदन है शीर्षक का आपकी
रचना में होना अनिवार्य है ,

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प्रेम ही सृष्टि का आधार, प्रेम ही निराकार,
फिर प्रेम करना क्यों ग़लत माने!... यह संसार,
राधा-कृष्ण प्रेम के परिपूरक है, !....है उनका प्यार मिसाल,
प्रेम दीवानी मीरा को भी, कहां था!...दुनिया वालों का ख़्याल।  सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा "नमस्कार"


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mrsrosysumbriade8729

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