हारी प्रकृति करती है पुकार वृक्ष जीवन मत काटो इंसान हवा पानी मिलता देता जीवनदान शीतल छाया मिले वृक्ष रहते हरे सूख जायेगी धरा नदी होगी निर्जल तडपेगा मानव जीवन अस्त व्यस्त करना उपकार बचाकर प्रकृति सुंदर मनभावन महिमा है पावन करें हम आभार मिलता है सबको हां "प्रकृति का प्यार" । *************************** दीपमाला पाण्डेय रायपुर छग #विश्व_पर्यावरण_दिवस