बचपन में छत पर चढ बहुत इंतजार किया है। इस करवाचौथ के चाँद का। शायद वही लगाव और प्रेम है जिस वजह से आज भी यह त्योहार हमारे लिए खास है। कड़ी और चावल जैसा भोजन इस दिन के महत्व को और बढाता है। मोहल्ले भर की स्त्रियाँ सुंदर वस्त्रों व आभूषणो में अप्सराएँ सी प्रतीत होतीं हैं। उत्तर भारत में मुख्यरूप से मनाया जाने वाला ये त्योहार स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घ आयु के लिए मनाती है। करवा नामक पतिवृता स्त्री के द्वारा अपने पति को यमराज और मगरमच्छ दोनो से बचाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। अन्य कई किदवंतियाँ है। सभी में पति की दीर्घ आयु प्रमुख कारण है। इस त्योहार को मनाने के लिए सोलह श्रृंगार कर स्त्रियाँ दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चाँद की तरह अपने पति की दीर्घ आयु की कामना करती हैं।करवाचौथ का चाँद अन्य दिनों से भिन्न होता है अथार्त भिन्नता आपको पूज्यनीय बनाती है। प्रेम, इंतजार और समर्पण का यह त्यौहार वैवाहिक जोड़ों में विश्वास और एक दूसरे के साथ को मजबूत करता है। अपनी धर्मपत्नी को साहस देने के लिए आजकल के नवयुवक भी व्रत रखते हैं। यही तो सात वचनो का सार है। .. करवाचौथ की शुभकामनाए ... #जलज कुमार #Karwachauth बचपन में छत पर चढ बहुत इंतजार किया है। इस करवाचौथ के चाँद का। शायद वही लगाव और प्रेम है जिस वजह से आज भी यह त्योहार हमारे लिए खास है। कड़ी और चावल जैसा भोजन इस दिन के महत्व को और बढाता है। मोहल्ले भर की स्त्रियाँ सुंदर वस्त्रों व आभूषणो में अप्सराएँ सी प्रतीत होतीं हैं। उत्तर भारत में मुख्यरूप से मनाया जाने वाला ये त्योहार स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घ आयु के लिए मनाती है। करवा नामक पतिवृता स्त्री के द्वारा अपने पति को यमराज और मगरमच्छ दोनो से बचाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।