Nojoto: Largest Storytelling Platform

दे इजाज़त जो तू। (पार्ट 4) मेरी नज़र ऑफिस की घड़ी पर

दे इजाज़त जो तू।
(पार्ट 4) मेरी नज़र ऑफिस की घड़ी पर लगी हुई थी। कि कब छह  बजे और कब मैं विशाल से बात करूँ, उससे पहले की मेरे बारह बज जाये। आखिरकार छह बज ही गये।

"विशाल! मुझे तुझसे बहुत खास बात करनी है।"

"आज मोहिनी के बदले हमारी याद कैसे आ गई?"विशाल ने कहा।

"बात तो मोहिनीकी ही है।"
दे इजाज़त जो तू।
(पार्ट 4) मेरी नज़र ऑफिस की घड़ी पर लगी हुई थी। कि कब छह  बजे और कब मैं विशाल से बात करूँ, उससे पहले की मेरे बारह बज जाये। आखिरकार छह बज ही गये।

"विशाल! मुझे तुझसे बहुत खास बात करनी है।"

"आज मोहिनी के बदले हमारी याद कैसे आ गई?"विशाल ने कहा।

"बात तो मोहिनीकी ही है।"