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भीड़ यानी गुरुर के नशे में डूबे लोग, जिन्हें लगता

भीड़ यानी गुरुर के नशे में डूबे लोग, 
जिन्हें लगता है कि उन्हें 
कोई कुछ नहीं कर सकता।
उन्हें यह भी लगता है कि..
जो हो रहा है वह सब कुछ वही कर रहे हैं, 
पर असल में वह सब कठपुतलियां हैं,
जिनकी डोर उसके नचाने वालों ने थाम रखी है 
भीड़ में ऐसे डरपोक लोग ही होते हैं, 
जो अकेले कुछ न कर पाने की सोच रखते हैं।
आप खुद को भीड़ का हिस्सा बनने से बचाएं, 
अपना रास्ता खुद चुने, अपनी सोच बनाएं
और जिंदगी को सही मायनों में जिंदगी बनाए।  #भीड़ यानी #गुरुर के नशे में डूबे लोग, 
जिन्हें लगता है कि उन्हें 
कोई कुछ नहीं कर सकता।
उन्हें यह भी लगता है कि..
जो हो रहा है वह सब कुछ वही कर रहे हैं, 
पर असल में वह सब #कठपुतलियां हैं,
जिनकी डोर उसके नचाने वालों ने थाम रखी है 
भीड़ में ऐसे #डरपोक_लोग ही होते हैं,
भीड़ यानी गुरुर के नशे में डूबे लोग, 
जिन्हें लगता है कि उन्हें 
कोई कुछ नहीं कर सकता।
उन्हें यह भी लगता है कि..
जो हो रहा है वह सब कुछ वही कर रहे हैं, 
पर असल में वह सब कठपुतलियां हैं,
जिनकी डोर उसके नचाने वालों ने थाम रखी है 
भीड़ में ऐसे डरपोक लोग ही होते हैं, 
जो अकेले कुछ न कर पाने की सोच रखते हैं।
आप खुद को भीड़ का हिस्सा बनने से बचाएं, 
अपना रास्ता खुद चुने, अपनी सोच बनाएं
और जिंदगी को सही मायनों में जिंदगी बनाए।  #भीड़ यानी #गुरुर के नशे में डूबे लोग, 
जिन्हें लगता है कि उन्हें 
कोई कुछ नहीं कर सकता।
उन्हें यह भी लगता है कि..
जो हो रहा है वह सब कुछ वही कर रहे हैं, 
पर असल में वह सब #कठपुतलियां हैं,
जिनकी डोर उसके नचाने वालों ने थाम रखी है 
भीड़ में ऐसे #डरपोक_लोग ही होते हैं,