"नाकामियत और फरेबी का दामन छोड़ने सा लगा हूँ, मेहनत की माला मानो जपने सा लगा हूँ। खूब देखा फरेब अब सच की बारि आई है, मेहनत का दाना तोड़ अब घर में खुशियाँ आई है।" इसलिए कहते है की सच का मार्ग तय करने में भले ही वक़्त लगे, कठिनाई हो पर झूठ और फरेब के मार्ग से लाख गुना अच्छा है। सच का मार्ग अपनाएं और खुशियों को गले लगायें। #मार्ग