का बड़ा ही गहरा रिश्ता है। जहां रहेगी कला, वहीं रहेगा कलाकार। कलाकार की कलम चले, तो चल पड़े सरकार॥ नोजोटों का मंच मिले तो, जागे फिर कलाकार। कला और नोजोटो का, बड़ा ही गहरा रिश्ता है। कलाकार के लिए नोजोटो, एक सच्चा फरिश्ता है॥ नोजोटो ने नाम दिया है, हर खासोआम को। और नया आयाम दिया है मेरे दिन और रात को॥ प्यारे से अल्फास दिए हैं, दिल के सारे खयालों को। नगमें बन गए मन की बातें, संगीत मिला सूर तालों को॥ 'कवि विनोद' ने बात ये रखी, समझ सको तो समझ लेना। समझ ना पाए बात मेरी तो, फिर कह दूंगा खरी-खरी॥ ©VINOD VANDEMATRAM #vTp