की कहीं नासूर ना हो जाए ये ज़ख्म तन्हाई की, कोई जल्दी ले आओ दवा इस घाव की।। दोस्तों से फिर मिलने का है शौक़ यू, जैसे साहिल को हो इन्तेज़ारी किसी गांव की।। #go_corona