बचपन भी इन गेल बित गया, जवानी भी इन गेल बिताणी है, और बुडापा मैं भी इन गेल बैठ कै, यारां न होक्का की गूंट लाणी .. S Kay Nain ©S Kay Nain frnds shayri by s Kay nain #skaynain