आखिरी फैसला किसी भी फैसले को लेने के पीछे बहुत सारे कारण होते हैं। इन कारणों को मुख्य तौर से हम तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं । देश ,काल और परिस्थिति ये तीनों के संयोग से हीं कोई भी व्येक्ति किसी फैसले पर पहुँच पाता है। देश का मतलब हुआ स्थान विशेष आप कहाँ हो उस फैसले को लेते वक्त, काल का मतलब समय कैसा है?और परिस्थिति कैसी है? जब-जब इन तीनों के संतुलन में बदलाव आता है, मनुष्य हीं नहीं प्राणी विशेष का फैसला बदलता जाता है,चाहे पौधों का रुख सूरज की तरफ मुड़ने का फैसला हो या जानवरों का अपने जीवन की रक्षा के लिए लिया गया फैसला हो।बस इंसान हीं है जो अपने अहंकार और अभिमान में चूर हो आख़िरी फैसला लेने का दम्भ भरता है,और परिस्थितियों के बदलाव के साथ नरम पड़ता चला जाता है। आखिरी फैसला कहने को तो आखिरी होता है,पर इसमे भी बदलाव की एक गुंजाइश छुपी होती है। #akhiri