जिगर का टुकड़ा कोई बन रहा तो कोई बना रहा है जिगर का टुकड़ा कोई वादों में कह कर फसा रहा है जिगर का टुकड़ा नई नवेली दुल्हन की आमद हुयी है घर के आंगन में मां को जिम्मेदारियाँ सिखा रहा है जिगर का टुकड़ा ये क्या कम था कि जवानी गुज़र गयी बेरोज़गारी में अब तो रोज़ शराब पीकर आ रहा है जिगर का टुकड़ा बचपन था तो भाई ही के नाम से चलते थे रौब से अब भाई ही के खिलाफ जा रहा है जिगर का टुकड़ा राखी का रिश्ता अपनी बहन से निभाने का वादा तो कर गया और दूसरो की बहन को जला रहा है जिगर का टुकड़ा खुद के बारे में अब खुद ही तय करे मां बाप सारे नये ज़माने के रंग दिखला रहा है जिगर का टुकड़ा आमिल 🤔🤔🤔🤔🤔ye kitna sach hai padd kar bataye Koi ban rha to koi bnaa rhaa hai jigar ka tukda Koi waado mai keh kar fasaa rha hai jigar ka tukda Nai naweli dulhan ki aamad hue hai ghar aangan main Maa ko jimmedariyaa sikha rha hai jigar ka tukda