लहरों से लड़ रहे किनारे की आस में , वक़्त भी है ठहरा मिलने की प्यास में , सोचते थे हम कस्ती टूट न जाये , उलझनों में उलझे खुद की तालश में ©Shepandra #haushala#umeed#my shayari #new #follow me for new shayari