ऐ मेरे दोस्त तू ऐसे ना रूठ, तेरे बिन मैं बिन श्याहीँ की कलम हु। जब तू था तो आवारगी थी, ज़िन्दगी में एक मीठी सी सादगी थी। तेरे ना होने से हैरान हूं, इस नीरस ज़िन्दगी से परेशान हूं। मेरा गुस्साना तेरा मनाना, मेरे लिए तेरा सबसे लड़ जाना। मुझे बिन बताये सबसे गुड़गान गाना, अपने दिल का मुझमे ठिकाना बनाना। सब याद आते हैं, तेरे ना होने पे बहुत सताते है।। #cinemagraph #frindshipstory #friendshipbreaks #munasif_e_mirza