Nojoto: Largest Storytelling Platform

ए घटा यूँ ना घुमड़, ए बिजली यूँ ना चमक। मेरा दिल

ए घटा यूँ ना घुमड़, ए बिजली यूँ ना चमक। 
मेरा दिल सिहिर रहा है, तेरी आवाज सुनकर। 
मैं जानता हूँ तू तूफान रोके हुए है अपने अन्दर। 
पर मैं भी मजबूर हूँ मेरा महबूब अभी लौट कर आया नहीं।।


#अंकित सारस्वत# #ए घटा
ए घटा यूँ ना घुमड़, ए बिजली यूँ ना चमक। 
मेरा दिल सिहिर रहा है, तेरी आवाज सुनकर। 
मैं जानता हूँ तू तूफान रोके हुए है अपने अन्दर। 
पर मैं भी मजबूर हूँ मेरा महबूब अभी लौट कर आया नहीं।।


#अंकित सारस्वत# #ए घटा