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अंधेरों में खड़ा हूं, अपनों से लड़ा हूं, रास्ते स

अंधेरों में खड़ा हूं, 
अपनों से लड़ा हूं,
रास्ते सुनसान थे,
मंजिले अनजान थी,
तुम क्या जानो...
क्या क्या कीमत चुकाई हैं,
ऐसे ही नहीं ,
मैंने अपनी पहचान पाई है । #meritaqat #taqat #power #apne #dream
अंधेरों में खड़ा हूं, 
अपनों से लड़ा हूं,
रास्ते सुनसान थे,
मंजिले अनजान थी,
तुम क्या जानो...
क्या क्या कीमत चुकाई हैं,
ऐसे ही नहीं ,
मैंने अपनी पहचान पाई है । #meritaqat #taqat #power #apne #dream