अंधेरों में खड़ा हूं, अपनों से लड़ा हूं, रास्ते सुनसान थे, मंजिले अनजान थी, तुम क्या जानो... क्या क्या कीमत चुकाई हैं, ऐसे ही नहीं , मैंने अपनी पहचान पाई है । #meritaqat #taqat #power #apne #dream