मैं उसे भुलाता हूँ और वो मुझे याद आ जाती हैं सुलाता हूँ जिन यादों को वो जाग जाती हैं जब वो रात आती हैं वो नज़ारे सब ख़्वाब बन गए हैं ख्वाहिशें थी जिनकी आग लगने से वो सब राख बन गए हैं। रातें उसकी याद में गुज़र जाती हैं रात आती हैं मगर नींद नहीं आती हैं मैंने खुद को सुलाने की कोशिश भी की मगर कोई न कोई मजबूरी याद आ जाती हैं। मैं उसे बामुश्किल भुलाता हूँ वो बड़ी आसानी से मुझे याद आ जाती हैं। #ravikirtikikalamse #ravikirti_poetry #ravikirti_shayari #yaadein #yqdidi #tutakhwaab