2 Years of Nojoto मन हर्षित,अस्थिरता आई, दुविधा भारी वो रात लाई, चंचल मन नासमझ प्रिय ! प्रहलन तेरा समझ न पाई, ऐ मस्तक से आवाज़ भी आई, तेरा मखोल जान न पाई, फिर है मन उदास प्रिये ..... ❌ ... ❌ .... ❌ ... ❌ .... ❌ भूल के पिछली बातो को थोड़ा हंस लेता हूं, ये बाते कुछ से कह दूं, इसीलिए थोडा लिख लेता हूं।। #OpenPoetry #bhartendra_srivastava #भारतेन्द्र_श्रीवास्तव #मोहब्बत#मन #