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कवि तारीफों के लिए नहीं कोई, कोरे कागज़ो को भार

कवि

तारीफों के लिए  नहीं कोई, कोरे  कागज़ो को भारत है।
जिसे पढ़कर लोग शाबाशी देते हैं,
असल में तो वो किसी के दर्दों को बयां करता है ।
 ज़हन  में आया  आज 
 कि क्यूं  न  कवि  पे  कविता लिखते हैं।।
क्या है उनके शब्दों में ऐसा ,जो आज भी ज़ुबां  पे बिकते है।
कवि  कविता नहीं ,अपनी दास्तां सुनता है।
भावनाओं  को अपनी , कागजों  पर  छांटकर,
 एक नया दोस्त बनता है।
वो भी एक इंसान है।
लेकिन थोड़ा अकेला  सा हो गया ,
ज़ुबां की भाषा छोड़कर 
जो कोरे कागजों की  दुनिया  में खो गया ।
अब कागजों को  वो  अपनी भावनाएं  बताता है।
धोखा  ना दे जो उसे कभी ,एक ऐसा दोस्त बनता है।।

                                  सरताज
                                 १ year #NojotoQuote कवि की कहानी
कवि

तारीफों के लिए  नहीं कोई, कोरे  कागज़ो को भारत है।
जिसे पढ़कर लोग शाबाशी देते हैं,
असल में तो वो किसी के दर्दों को बयां करता है ।
 ज़हन  में आया  आज 
 कि क्यूं  न  कवि  पे  कविता लिखते हैं।।
क्या है उनके शब्दों में ऐसा ,जो आज भी ज़ुबां  पे बिकते है।
कवि  कविता नहीं ,अपनी दास्तां सुनता है।
भावनाओं  को अपनी , कागजों  पर  छांटकर,
 एक नया दोस्त बनता है।
वो भी एक इंसान है।
लेकिन थोड़ा अकेला  सा हो गया ,
ज़ुबां की भाषा छोड़कर 
जो कोरे कागजों की  दुनिया  में खो गया ।
अब कागजों को  वो  अपनी भावनाएं  बताता है।
धोखा  ना दे जो उसे कभी ,एक ऐसा दोस्त बनता है।।

                                  सरताज
                                 १ year #NojotoQuote कवि की कहानी
kirtipandey6353

Kirti Pandey

Silver Star
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