सादगी ने जैसे ओढ़ लिया है, 'लिबास' यूँ सुंदरता का लफ्जों से 'बरसता' प्रेम, मुकम्मल 'ग़ज़ल' लगते हो तेरे नीले नयनों ने ओढ़ ली है अब जैसे हया की चादर ख़्वाब-ख़याल सब तेरा,मेरा 'सुनहरा' 'कल' लगते हो प्रीत की यह धानी 'चुनरिया' रंगी 'प्रेम' के रंग में तेरी खुशबू तेरी रूह की प्यारी, महकता 'कमल' लगते हो रखते 'ख़याल' मेरा, मुझ पर यूँ 'जान' निसार करते हो इबादत ख़ुदा की, उसकी रहमत की 'फ़ज़ल' लगते हो फ़ज़ल:_ कृपा ♥️ Challenge-633 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।