जज्बातों का यह कारवां और मोहब्बत ए इश्क़ कभी खत्म नहीं होता, तसव्वर के राज़दार का आजकल ...बूद ओ बाश....कहीं और ही हैं। — % & ✍️✍️ बूद ओ बाश: ठिकाना/ बसेरा #इश्क़ #जज़्बात #दौर_ए_इश्क #रातकाअफ़साना