सिर्फ तुम सोचा था ..... तुम मिलकर मुझसे... गले लगाकर.. बालों में मेरी... अपनी उँगलियों को.. फेरकर.. मेरी थकान को.. दूर कर.. मुझमें... नई ऊर्जा का.. संचार करोगी.. मगर यह तो सोचा था.. और सोचा हरबार किधर होता है... ©गौरव उपाध्याय 'एक तलाश' #alone #sirftum #Sirf_tum #सिर्फ_तुम #एक_तलाश