किसी कों भी दुखी मत करों...... किसी को भी दुखी करके आज तक कोई सुखी नहीं रह पाया है...... यही विधी का विधान है..... जैसा करोगें वैसा भरोगे...... आज नहीं तो कल...... jaisa karoge waisa bharoge