सालो-साल दशहरा आता पुतला झट बन जाए। बँधा हुआ रस्सी से रावण खड़ा-खड़ा मुस्काए। चाहे हो तो करे ख़ात्मा, राम कहाँ से आए। रूप राम का धरकर कोई, अग्निबाण चलाए। धू-धू करके राख हो गया, नकली रावण हाय! मिलकर खुशियाँ बाँटें सारे, नाचें और नचाएँ। अपने भीतर नहीं झाँकते, खुद को राम कहाए। सबके मन में बैठा रावण, इसको कौन मिटाए। Happy Vijayadashmi ©Arz Hai...Listen To Your Own Heart...✅ #Dasheraa #RaavanDahen #DurgaPuja #navratri2020