मैंने रात पूछा था अपने दिल से क्या शब्द दिल की हर बात बयाँ कर सकते हैं तो जबाब था ना में शब्दो की भी एक सीमित परिभाषा होती है सिर्फ उतना ही उतार सकते हैं उन्हें पन्नो पर जितनी शब्दो की जरूरत होती है कुछ छुपा कर रख लेते हैं शब्द सीने में तो कुछ लिखते समय विलुप्त हो जाते है कभी लिखना कुछ चाहते हैं और लिख कुछ जाते है ©Dr Manju Juneja #दिलसे #शब्द #हरबात #बयाँ#सीमित #परिभाषा #विलुप्त #कविता #जरूरत #wordsbyheart