मेरे यादों का मकबरा ख़्वाइशों का आशियाना सपनों का ताजमहल आज खड़ा है बन कर मेरे यादों का मकबरा, दफ़न यहां कई बातें छुपे कई ज़ज़्बातें अश्कों का है तालाब दर्द की बनी दीवारें, ग़र छोड़ जाए कोई अपना चूर हो जाता फ़िर हर सपना सपनों का ताजमहल फिर बन जाता यादों का बस मकबरा. ©avinashjha मेरे यादों का मकबरा