खुद्दार थे,खुद्दार हैं। अब नहीं लगवाएंगे किसी से मरहम। उदासी तुम क्या पकड़ पाओगे हमारी, बहुत संभल कर मुस्कराते हैं हम। ©Vivek Kumar #alone #खुद्दार