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कभी शहरों की ख्याहिश थी भीड़ में उमंग थी अब किसी गा

कभी शहरों की ख्याहिश थी भीड़ में उमंग थी
अब किसी गांव में तन्हाई के नज़ारे ढूंढते हैं

सोचा था के दौड़ कर ही मंजिल मिलेगी
अब बैठ कर जितने की आस नजर आती है

अब समझ आयी है श्री कृष्ण की लीला
क्यों है पांडव अकेले,कौरव भीड़ में खड़े है

©Lalit Kumar कृष्ण की लीला 

#Trees 
#corona_effect 
#StayAtHome 
#poem
कभी शहरों की ख्याहिश थी भीड़ में उमंग थी
अब किसी गांव में तन्हाई के नज़ारे ढूंढते हैं

सोचा था के दौड़ कर ही मंजिल मिलेगी
अब बैठ कर जितने की आस नजर आती है

अब समझ आयी है श्री कृष्ण की लीला
क्यों है पांडव अकेले,कौरव भीड़ में खड़े है

©Lalit Kumar कृष्ण की लीला 

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#corona_effect 
#StayAtHome 
#poem
lalitkumar7642

Lalit Kumar

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