कभी शहरों की ख्याहिश थी भीड़ में उमंग थी अब किसी गांव में तन्हाई के नज़ारे ढूंढते हैं सोचा था के दौड़ कर ही मंजिल मिलेगी अब बैठ कर जितने की आस नजर आती है अब समझ आयी है श्री कृष्ण की लीला क्यों है पांडव अकेले,कौरव भीड़ में खड़े है ©Lalit Kumar कृष्ण की लीला #Trees #corona_effect #StayAtHome #poem