वसुन्धरा का ऐसा भाग, जहाँ जन्में हों शूरवीर,वो पवित्र स्थल कहलाता हमारा देश ,विभिन्नताओं से रंगे लोग,जहाँ रहते हों घुलमिलकर, वो पवित्र स्थल कहलाता हमारा देश विषमताओं में समता का,जहाँ रूप चित्रित हो रहा हो,वो सचित्र स्थल कहलाता हमारा देश जहाँ के बच्चे बच्चे में ,अदम्य साहस हो विद्यमान,वो मातृभूमि अंश कहलाता हमारा देश जहाँ आन ,बान, शान को न्यौछावर कर देते जान,ऐसे पुत्रों को बार बार जनती है मातृभूमि हमारा गौरव हमारा देश,जिसने विश्व में बनाया स्थान,देशद्रोहियों को तार तार करती है मातृभूमि जहाँ जाति समुदायों का, विहंगम हो संगम जहाँ,वो देश की अखंडता को मुखरित दर्शाती है इस प्यारी वसुन्धरा में, जो लिए हो गुरू स्थान,उस देश की महिमा मुझसे वर्णीं न जाती है