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आके मेरे शांत मन को समन्दर करदे। कितना उदास हूँ

आके मेरे शांत मन को समन्दर करदे। 

कितना उदास हूँ सावन सा सुन्दर करदे। 

क्या तेरे पास वक्त नहीं आने को 

मुझ वेवक्त के लिए खुदको कैलेन्डर करदे ।

                      By SARAS KUMAR दिल से निकली आवाज़
आके मेरे शांत मन को समन्दर करदे। 

कितना उदास हूँ सावन सा सुन्दर करदे। 

क्या तेरे पास वक्त नहीं आने को 

मुझ वेवक्त के लिए खुदको कैलेन्डर करदे ।

                      By SARAS KUMAR दिल से निकली आवाज़