White 'बनारस का घाट' हो तुम, तुम्हें छूने के लिए, मुझे 'गंगा' होना होगा. 'गंगा' सी पावन हो तुम, तुम्हे छूने के लिए, मुझे 'बनारस का घाट' होना होगा. 'गंगा' में बहती नाव हो तुम, साथ चलने के लिए, मुझे 'केवट' होना होगा. खूबसूरत 'आँख' हो तुम, उसमें बसने के लिए, मुझे 'काजल' होना होगा. चौदहवीं का 'चांद' हो तुम, तुम्हारी झलक पाने के लिये, मुझे 'चकोर' होना होगा. तपती गर्मी से 'सुखी धरती' हो तुम, तुमसे मिलने के लिए, मुझे 'बारिश की बूंद' होना होगा. UK ©उत्कर्ष शुक्ल UK #good_night