मुर्शद रूह तक बसे थे आप k.t के मगर गिर गये! हमे न पहचाना हम आपके खातीर सबसे लड़ गये! कहने को कुछ रहेगा भी कैसे अब आप तकरारो मे सारी हदे जो पार कर गये! हम आज भी लहेजा वैसा ही रखते है सबसे जिन से भी तालुकात बिगड गये! आज आना चाह रहे थे शहर आपके मगर आपके अल्फाज अचानक जहन से गुजर गये! bura lagta hai jab azeez hi n samjhe to 👑Name.of.king👑 ©kt #City #City