कब तुझसे कुछ मांगा हमने बस करता एक प्यार ही तो था कहां बचा तेरे शहर से जाने पर अब तो एक पत्थर की दीवार ही था वक्त ने की नजाकत हम भूल कर बैठे हुएे खामोश कैसा दीदार ये तो था हुस्न के सागर से गागर कुछ पल ही भरता है संदीप अक्सर समझाया करता नारवार भी तो था कहां माना इश्क के जोर में में चढ़ा हुआ प्यार का खुमार भी था ©_संDEepP #NOJOTO #CIVIL #ENGINEER #SANNU #POETRY #LOVE #KAVISHALA