टूटे हुयेआयने की तरह किश्मत बन गयी थी पर हम गौरीशंकर के भक्त हैं जनाब सोचा किश्मत टूटीने कुछ नहीं होता दिल नहीं टूटना चाहिये अपना हो दूसरों का.… ¥नवीन¥ साहसी