मेरे अंदर ek छोटा शहर रहता है सच हि तो है न मेरे बोलने के लहजे से मेरे शहर की तहज़ीब जो पता चलती है, मेरे अंदाजे जिंदगी से मेरी संस्कृति पता लगती है मैं जहां खड़ा होता हूँ,वो मेरे लाखों शहरवासियों का विस्वास दिखाता है मैं सिर्फ मैं नही,मेरे और तुमारे मैं से मिला है हमारा शहर तो आओ मिलकर मैं नही हम बनाता हैं@हमारा शहर आ जाओ यारो देहरादून #mera_shehar #विचार#देहरादून#कहानी#कविता