मेरे प्यारे गणतंत्र भारत देश हित में ,सार्थक जो ,नमन उस विचार को।देश हित में ,त्याग दिया ,जिसने सुहाग ,नमन उस श्रृंगार को। देश हित न्यौछावर ,जिसके लाल,नमन उस परिवार को।निज शीश कटे तो कटे ,देश का शीश झुके नहीं ,नमन उस ज्वार को ।कई बलिदानों के बाद मिली ,हमको अपनी आज़ादी ,नमन आज़ादी की इस बहार को ।किस तरह का ये माहौल बना निज पीड़ा कहे किसको ,थोडा फिर से संभालना होगा,थोडा खुद को संभलना होगा ,हम सब को मिल कर रहना हे तो मिल कर ही रहना होगा।कुछ शकुनियो की बातो में आकर अब कोई नया महाभारत नहीं रचना, फिर से गुलामी का इतिहास नहीं रचना।धरना, आंदोलन बहिष्कार से मत करो साकार वो सपना,जगतगुरु फिर से बनना सात दशको के सफर के बाद नही शून्य से फिर शुरू करना। ये विधि विधान नहीं अधिकार मांगते हे सब निज कर्तव्यों का भान नहीं........एक है एक रहेंगे एक ही रहना है भारत माँ के लाल है माँ की आन के लिए मिट जाना है ---------- कुंवर सुरेन्द्र की तरफ से गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाये,निःसंदेह कोई भी देश सम्पूर्ण नहीं होता जब तक उसका अंग, उसके प्रबुद्ध नागरिक को अपने कर्तव्यों का ज्ञान तो हो मगर वो उनका निर्वहन ना करे, इस महोत्सव पर ये प्रण ले हम अपने देशवासी होने का कर्तव्य श्रद्धा के साथ निर्वहन करेगे.. सुर नमन माँ भारती आपका कुंवरसुरेन्द्र #Letter_To_Republic_India#kunwarsurendra#india#letter#26january#republicday#nationalday#nojoto#nojotohindi AS Sabreen