अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने आईएसएस के पूर्व मुख्य आमले के अंगुली पकड़कर अपनी राजनीति यात्रा आरंभ की थी इमरान को राजनीति में लाने वाले थे जिन्होंने तालिबान को भी खड़ा किया था आज जो पाकिस्तानी सेना इमरान की राजनीति और साडे 3 साल पहले चलते हैं और अपनी तारीफ के पुल बांधे और भारतीय सेना को बताया इशारों में ही सही लेकिन पाकिस्तान पहुंच गए एक तरह से अपनी डूबा बताया गया इमरान खान की सरकार को नीचा दिखाने के लिए यह सब इसलिए बोल रहे थे कि उन्हें समझ गया था कि अब उन्हें सत्ता से करना चाहती है उनके साथ हो यह सब देखता है कि पाकिस्तान तंत्र पर सेना की कितनी मजबूत ही पकड़े शायद अब पाकिस्तान सेना में नवाज शरीफ परिवार को कुर्सी पर बैठने की ठानी है नवाज शरीफ जिनका अतीत में फौजी से 36 का आंकड़ा रहा है नवाज शरीफ के छोटे भाई साहब आज शरीफ जब जनरल बाजवा की तरफ से कह रहे थे कि जर्नल साहब ने उस में कहा कि नवाज शरीफ की सरकारों में पार्क फौजी को बहुत सामान और संसाधन मिलते रहे हैं इमरान खान की सेना ने खराब हुए रिश्तो की कहानी पाकिस्तान फौज की आर्थिक राजनीतिक और उसके विकसित होते हुए वैश्विक नजरिया के बारे में कई महत्वपूर्ण संकेत देती है सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से उनके रिश्ते तक खबर ©Ek villain #इमरान को भारी पड़ेगी सेना की नाराजगी #navratri